बुधवार, 27 जनवरी 2016

पानी पीने का सही तरीका

!!!---: पानी पाने का सही तरीका :---!!!
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"अजीर्णे भेषजं वारि जीर्णे वारि बल-प्रदम् ।
भोजने चामृतं वारि भोजनान्ते विषप्रदम् ।।"
(चाणक्य-नीति---8.7)

शब्दार्थः---(अजीर्णे) अपच होने पर, (वारि) जल, (भेषजम्) औषध, (जीर्णे) भोजन के पच जाने पर, (बल-प्रदम्) बल देने वाला है, (च) और (भोजने) भोजन के, (अमृतम्) अमृत के समान गुणकारी है, (भोजनान्ते) भोजन के अन्त में जल का सेवन (विष-प्रदम्) विष के समान हानिकारक है ।

भावार्थः-----अपच में जल पीना औषध के समान है, भोजन पचने पर पानी पीना बलप्रद है, भोजन के मध्य में जल का सेवन अमृत के समान गुणकारी है और भोजन के अन्त में पानी पीना विष के समान हानिकारक है ।

विमर्शःः--जब भोजन न पचे तो भोजन नहीं करना चाहिए, अपितु पानी अधिक पीना चाहिए । यह बात पशुओं से सीख सकते हैं । पशु को थोडी भी तकलीफ होती है तो वे खाना बन्द कर देते हैं । यदि भोजनपच जाए तो डेढ घण्टे के बाद पानी पीना उत्तम रहता है और यह बलदायक होता है । इससे पाचन में कोई बाधा नहीं होती है ।

भोजन के बीच में यदि आवश्यकता पडे तो थोडा पानी पीएँ, अर्थात् एक या दो घुँट । इससे भोजन पचने में आसानी होती है और यह पानी अमृत के समान होता है । यह विशेष ध्यातव्य है कि भोजन के अन्त में भूलकर भी पानी न पिएँ । भोजन के अन्त में पिया गया पानी विष के समान होता है । इससे शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं । जैसे--अपच, एसीडिटी, डायरिया, पेचिश, कोलेस्टोर बढना , खट्टी ड़कारे आना, शुगर बढना आदि-आदि और भी कई बीमारियाँ हो जाती है ।

यह भी ध्यातव्य है कि भोजन से कम-से-कम 40 मिनट पूर्व पानी पी लें , अर्थात यदि आपको 10 बजे भोजन करना हो तो 9.20 पर पानी पी लें ।

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